राजीव एक अच्छा लड़का होता है जो कि रोजाना स्कूल जाया करता एक बार उसकी क्लास में एक सिमरन नाम की लड़की ने एडमिशन ले लिया जिससे राजीव को सच्चा प्यार हो जाता है सिमरन के पापा एक बिजनेस मेन थे और राजीव के पापा एक दुकान चलाया करते थे ।
प्यार का बढ़ाना
सिमरन को म्यूजिक काफी पसंद था तो राजीव उसके लिए स्कूल के फंक्शन ओर क्लास में गाया करता ओर सिमरन को चोरी छुपे देखा करता राजीव की बहन भी उसी के स्कूल में पड़ती थी तो बो सब नोटिस करती ओर घर ओर स्कूल में राजीव को सिमरन के नाम से चिढ़ाया करती दिन बीते सिमरन ओर राजीव अच्छे दोस्त बन गए बे दोनो साथ में सिंगिग किया करते ओर प्राइज जीतते कुछ दिनों बाद सिमरन को पता चल जाता है कि राजीव उससे प्यार करता है पर इजहार करने से डरता है लेकिन बो डर जाती है क्योंकि वो बहा बस एक साल के लिए आई होती है साल भी जाता सिमरन राजीव को बता नहीं पाती के बो अब गांव छोड़ कर शहर जा रही है
कहानी में मोड़
तो उसकी बहन को सारी बात बता कर एक लेटर राजीव के लिए दे देती है ओर शहर छोड़ कर चले जाती है राजीव का दिल इस बात से टूट गया था उसने अब पढ़ाई छोड़ देता है खुदको संभालता हैऔर पापा के साथ दुकान संभालने लगा
एक लम्बा इंतजार
5 साल बीत जाते है तब तक राजीव की बहन की शादी हो जाती है ओर सिमरन की शादी एक बड़े बिज़नेस मेन के सात तय हो जाती है तब वो अपने गांव आती है ओर अपने सारे दोस्तों से मिलती है लेकिन राजीव से नहीं मिल पाती कुछ दिनों बाद राजीव की बहन सिमरन को मिलती है ओर राजीव के बारे में बताती हैं तो बो पाती है की राजीव अभी भी उसी जगह खड़ा है जहां उसने उसे छोड़ा था उसने अभी तक शादी नहीं की थी तो सिमरन उससे मिलने जाती है ओर उससे बताती है कि मेरे हाथ में कुछ नहीं था मैं मजबूर थी ।
प्यार में दवाव
सिमरन के पति ओर पापा को पता चल जाता है कि बो सिमरन से अभी भी प्यार करता है तो बो उनकी म्यूजिक की दुकान को जला देते है ओर उसके पापा की बदनामी करते है जिससे उसके पापा को हार्ट अटैक आता है ओर मर जाता है राजीव अब पूरी तरह टूट जाता है सिमरन को ये बात पता चलती है तो उसे बुरा लगता है ओर बे दोनो भाग जाते है ओर शादी कर लेते है ओर खुशी खुशी रहने लगते हैं लेकिन बो कहते हैं ना कि दो पल की खुशियों की कीमत कभी कभी जिन्दगी बन जाती है सिमरन के पति जिससे उसकी शादी होने बाली थी उसे उनका पता चल जाता है ओर वो उन दोनों को मार देता है।
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