नशे मे लोग क्या कुछ कर देते है, उन्हे कुछ होस ही नही होता है की वो क्या कर रहे है, और क्या कह रहे है। नशे में लोगों को यह नहीं पता होता है कि उनकी बातें दूसरों को कितनी चुभती होगी।
आजकल तो छोटे-छोटे उम्र के लड़के भी इतना नशा करते हैं, कि उन्हें कुछ होश भी नहीं होता है और बहुत सी गंदी बीमारियों से जूझ रहे होते हैं।
ऐसे ही गौरव को भी कम उम्र में ही नशे की लत लग जाती है, और वह ड्रग्स लेना शुरू कर देता है। गौरव के कुछ दोस्त अच्छे होते हैं, जो कि उसे समझाते हैं लेकिन गौरव को तो लत लग चुकी थी, जो कि इतनी आसानी से नहीं छूटने वाली थी।
नशे में पागलपन
एक दिन गौरव अपने नशेड़ी दोस्तों के साथ होता है, और उनमें से किसी एक दोस्त का जन्मदिन होता है। जिसकी पार्टी के लिए वह किसी क्लब में पहुंच जाते हैं। वहा जाकर वह खूब डांस करते हैं खूब शराब पीते हैं जिससे गौरव को तो इतना नशा हो जाता है कि उसे चलने का भी होश नहीं होता है।
वहां गौरव की मां घर पर गौरव का इंतजार कर रही होती है। उसकी मां को क्या पता कि वह तो शराब पीकर इतना पागल हो गया है, कि उसे चलने तक का होश नहीं है।
गौरव की मां उसके पापा को फोन लगाकर बताती है, कि गौरव अभी तक घर नहीं आया है। उसके पापा सोचते हैं कि, वह कहीं अपने दोस्तों के साथ होगा तो इतनी चिंता की बात नहीं है और तुम भी इतनी चिंता मत करो।
लेकिन माँ तो माँ होती है माँ को तो बेटे की चिंता होगी ही। गौरव की मां उसके कुछ दोस्तों को फोन लगाती है और गौरव के बारे में पूछती है, तो उन्हें पता चलता है कि गौरव शराब पीकर नशे में पागल है।
गौरव की मां को बहुत गुस्सा आता है और वह गौरव का इंतजार करती रहती है कि कब गौरव घर आएगा। एक तरफ से उसकी चिंता तो हो ही रही थी। और उसके पिता का भी डर था कि अगर उन्हें पता चलेगा तो वह तो गौरव को मार ही डालेंगे।
मां का डर
गौरव की मां को बहुत डर लग रहा था, की गौरव को कुछ हो ना जाए और वह नशे की हालत में कुछ उल्टा सीधा ना कर दे। अभी तक गौरव के पिता घर नहीं आए थे, तो उसकी मां को यह था की खास गौरव उसके पिता के घर आने से पहले घर पहुंच जाए।
अब जब गौरव के दोस्त और वह घर आने के लिए क्लब से निकल जाते हैं। तो रास्ते में आते वक्त उन्हें एक लड़की दिखाई देती है जिसका नाम निकिता होता है। निकिता उनके कॉलेज की ही लड़की है, और निकिता को गौरव और उसके दोस्तों का ग्रुप बिल्कुल भी पसंद नहीं है।
एक बार कॉलेज में गौरव और उसके दोस्तों को प्रिंसिपल से बहुत सुनना पड़ा था, क्योंकि उन्होंने कॉलेज के वॉशरूम में गेट तोड़ दिया था। उसे वक्त कुछ लड़कियां उन लोगों पर बहुत हंसती है जिनमें से एक निकिता भी होती है।
गौरव ने सबसे ज्यादा पी रखी होती है, तो उसे वह कॉलेज की बात याद आ जाती है। और वह निकिता से बदला लेने के लिए गाड़ी से उतर जाता है और उसे परेशान करने लगता है। गौरव निकिता से बहुत गंदी-गंदी बातें करता है, और उसके साथ गलत व्यवहार करता है।
अब निकिता रोते हुए वहां से सीधे पुलिस स्टेशन पहुंच जाती है, और गौरव की कंप्लेंट फाइल करवा देती है। निकिता का यह करना जरूरी भी था , क्योंकि अगर ऐसे लड़कों को इसी तरह छोड़ दे तो उनकी हिम्मत ज्यादा बढ़ने लगेगी। और वह हर लड़की के साथ ऐसा ही गलत करेंगे।
गौरव उसके पिता के आने से पहले घर तो पहुंच जाता है। लेकिन रास्ते में कांड तो कर ही देता है जिसका खामियाजा तो उसे आगे जाकर भुगतना पड़ता है।
जब सुबह गौरव का नशा उतरता है, तो उसे वह रात वाली बात याद आती है। और वह सोचता है कि उसने निकिता के साथ वह चीज करके गलत किया है। गौरव के पिता के पास पुलिस स्टेशन से फोन आता है, और वह गौरव का कांड उसके पिता को बताते हैं।
गौरव के खिलाफ पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट होने की वजह से कॉलेज से गौरव को रस्टिकेट कर दिया जाता है। कॉलेज वालों का यह करना सही भी था क्योंकि आगे जाकर कोई और लड़का ऐसा करने से पहले सोचेगा। लेकिन जैसा गौरव ने किया वैसा करना, तो बिल्कुल सही नहीं था। क्योंकि ऐसा करने से एक लड़की पर क्या बीतती है वह सिर्फ वही समझ सकती है।
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