प्यार की कहानी

एक लड़की जिसका नाम अर्पिता था एक गरीब घर की लड़की थी अर्पिता के पापा को भी कोई काम नहीं मिला इस वजह से अर्पिता की पढ़ाई भी ठीक समय पर नहीं हो पा रही थी

अर्पिता की जिंदगी में बदलाव
अर्पिता के घर के पास ही दो लड़के जिन का नाम नितिन या निर्मल ता आकार रहने लगे दोनो ही दिखने में अच्छे थे दोनो साँठ स्वभाव के लड़के थे एक दिन जब नितिन किसी काम से कहि जा रहा था तब्ब अर्पिता भी अपने भाई के साथ की जाके आई थी अर्पिता का नितिन से नजर मिल गई दोनो एक दूसरे को देख कर अंदर ही अंदर एक घबराहत को महसुस किया

प्यार की बात
दोनो एक दूसरे से इस तरह अंजान होकर भी कहीं ना कहीं एक दूसरे से बात करने के लिए बेचन थे एक दिन जब नितिन किसी के दोस्त को लेने कोलोनी के बहार गया था तब्ब हाय अर्पिता भी किसी काम से भर दुकान पर आई थी दोनो एक दूसरे को देख कर अंदर ही अंदर फिर से बेचैनी या घबराहट अनुभव हुई लेकिन नितिन ने अर्पिता से बात करने का फैसला किया

नज्दिकिया
दोनो ने एक दूसरे से बात कर के एक दूसरे को समझ ने की शुरुआत की दोनो मे बातें धीरे धीरे बढने लगी इधर अर्पिता को भी परिवार की समस्या और अपनी जिंदगी में चल रह उतार चड़ाव की बात को नितिन से करके दिल को हल्का महसूस होता था नितिन भी उस ही तरह के हालात से होकर गुज़रा था तो वो अर्पिता को अच्छे तरीके से समझ सकता था डोनो मानो कि एक दूसरे के अच्छे दोस्त बन चुके थे

प्यार का इजहार
नितिन अब अर्पिता की हर समस्या है को खुद की समझ ने लगा जिस्स से अर्पिता भी इतना अकेला महसूस नहीं करती थी एक दिन नितिन के पास एक ऑनलाइन का काफी अच्छा काम आया उस के बाद नितिन ने उस काम में दिन रात मेहनत कर के काम में अच्छी तरक्की की जब नितिन एक दिन अर्पिता के साथ बैठी थी तब्ब नितिन ने प्यार का इज़हार कर दिया इधर अर्पिता भी मान गई आगे चल कर अर्पिता ने भी नितिन के साथ ही काम करना चालू कर दोनो की जिंदगी की सारी परेशानी दूर हो गई मैं और बाध मे दोनो ने सादी कर ली

कहानी का उद्देश्य –

किसी को भी अपने सुख के लिए साथ मत लो बाल्की साथ वाले के दुख को ख़तम करने के लिए उसके साथ रहो❤️❤️


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